भागदौड़ भरी जिंदगी में रहना है फिट तो रोज करें इन 5 हस्त मुद्राओं का अभ्यास, जानें अन्य फायदे

हस्त मुद्राएं एक प्राचीन भारतीय विज्ञान हैं, जिनका उपयोग हमारे शरीर, मन और आत्मा को संतुलित बनाने के लिए किया जाता है। ये मुद्राएं थेरेपी के रूप में भी जानी जाती हैं, और इनका तत्व ज्ञान अध्यात्म की दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है।

हर रोज़ की भागदौड़ और व्यस्त जीवन के दौर में मेडिटेशन और एक्सरसाइज के लिए समय निकालना कठिन हो सकता है। लेकिन यहां हम आपके लिए लाए हैं 5 हस्त्र मुद्राएं जिन्हें आप आसानी से अपने व्यस्त समय में आसानी से कर सकते हैं। ये मुद्राएं आपको शांति और स्वास्थ्य देने में मदद करेंगी और आपको अपने दिनचर्या में सुख और संतोष का एक नया आयाम देंगी। यहां हम आपको 5 मुद्राओं के बारे में बता रहे हैं जो रोजमर्रा की जिंदगी में आपकी सेहत को सुधारने और आपकी ताकत को बढ़ाने में मदद करती हैं।

1. ज्ञान मुद्रा (Gyan Mudra)

ज्ञान मुद्रा को करने के लिए आप सबसे पहले आराम से पद्मासन में बैठ जाएं। इसके बाद हथेलियों को ऊपर की ओर रखते हुए घुटनों पर रखें। अब, तर्जनी (Index finger)अंगुली को अंगूठे के छोर पर रखें। इस समय आप अन्य अंगुलियों को सीधे रखें।

फायदे (Benefits) – ज्ञान मुद्रा का नियमित अभ्यास करने से सारे मानसिक विकार जैसे क्रोध, भय, शोक, ईर्ष्या इत्यादि से छुटकारा मिलता हैं। यह शरीर की रोग प्रतिकारक शक्ति को भी बढ़ाती हैं। मस्तिष्क के कार्यों के सुधार करके याददाश्त को बेहतर करने के लिए आप ज्ञान मुद्रा का अभ्यास कर सकते हैं।

2. पृथ्वी मुद्रा (Prithvi Mudra):

पृथ्वी मुद्रा करते समय पद्मासन में बैठकर अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें और दोनों हाथों के अंगूठे और अनामिका अंगुली(Ring finger)के अंगभाग को मिलाएं। शेष उंगलियां सीधी रखें।

फायदे (Benefits) – इससे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। पृथ्वी मुद्रा कमजोर लोगों का वजन बढ़ाती है और शरीर में विटामिनों की कमी को दूर करती है। इस मुद्रा को करने से आपकी ताकत बढ़ती है।

3. सूर्य मुद्रा (Surya Mudra):

सूर्य मुद्रा अनामिका अंगुली(Ring finger)को मोड़कर और उनके सिरों को अंगूठे के आधार पर रखकर की जाती है।

फायदे (Benefits) – इस मुद्रा को करने से वजन घटाने, डायबिटीज कंट्रोल करने, थायराइड के कामकाज को बेहतर बनाने, चयापचय, कब्ज, पीसीओएस, खांसी और सर्दी, सूजन और गैस्ट्रिक से जुड़ी समस्याओं से निपटने में मदद मिलती है।

4. वायु मुद्रा (Vayu Mudra):

वायु मुद्रा को किसी भी स्थिति में कर सकते हैं। बैठकर, खड़े होकर, लेटकर,प्राणायाम करते हुए या फिर चलते हुए भी इस मुद्रा को कर सकते हैं। इसे करने के लिए तर्जनी उंगली (Index finger)को अंगूठे के नीचे अच्छे से प्रेस करें। वहीं बाकी की उंगलियों को सीधे रखें।

फायदे (Benefits) – यह मुद्रा आपकी स्मरणशक्ति को बढ़ाती है और आपको गहरी शांति प्रदान करती है।

5. आकाश मुद्रा (Akash Mudra):

आकाश मुद्रा करने के लिए मध्यमा अंगुली को अंगूठे के अग्रभाग से लगा लें और बाकी की अंगुलियों को बिल्कुल सीधा कर लें।

फायदे (Benefits) – इस मुद्रा का अभ्यास करने वाले को चेतना शक्ति प्राप्त होती है। इस मुद्रा को नियमित रूप से करने से कान के रोग, बहरेपन, कान में लगातार व्यर्थ की आवाजें सुनाई देना व हड्डियों की कमजोरी आदि दूर

होती हैं।

अब आप रोजमर्रा की जिंदगी में इन 5 हस्त मुद्राओं को अपनाकर अपनी सेहत और ताकत को बढ़ा सकते हैं। ध्यान रखें कि ये मुद्राएं आपको लगातार कुछ समय के लिए नियमित करनी चाहिए ताकि आपको उनके लाभ मिलें।

नोट – ध्यान रखें कि यह हस्त मुद्राएं केवल तब ही प्रभावी होती हैं जब आप इन्हें सही तरीके से करते हैं, इसलिए इन्हें किसी योग शिक्षक के मार्गदर्शन में सीखना बेहतर होता है।

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Author: Maddy Hunk
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